Sunday, November 18, 2012

ख्वाइस

कई ख्वाब आँखों में लेकर ,
खामोशियों में वो गुनगुनाती तो होगी I

मेरा नाम किताबों में लिख कर,
दांतों तले ऊँगली दबाती तो होगी I

उसकी भी नज़रें हमें खोजती होगी,
जब वो किसी महफ़िल में जाती होगी I

हर एक शाम मेरे नाम का वो
एक दीपक जलाती होगी I

एक लड़की मासूम सी मगर सुंदर सी,
ख्वाबों में मुझे देखकर शर्माती तो होगी II

डॉ . पंकज मिश्र

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