Wednesday, October 31, 2012

काश!!

काश ! life Mobile की तरह होती
तो Life में अपने भी कुछ Twist होता ||
प्यार, यार, रिश्तेदार सब phonebook की Memory में होते
तो Life में सब कुछ कितना Best होता ||
अनचाहे दोस्तों को Reject करता, अनचाही Call की तरह
अनचाहे रिश्तेदारों का नाम Delet होता ||
रहता मै जब जब Girlfriend के साथ
बॉस और बीवी के लिए Network Failed होता ||
Connection Eror होता सब के लिए
जब भी बीवी के साथ Bed Room में होता
Problem आने से पहले पता चलता Balence की तरह
Solution में छोटा Recharge होता ||
सब हमसे और हम सबसे मिलते SMS की तरह
तो कोई किसी से कभी न Bore होता ||
ज़िन्दगी यूँ ही चलती रहती Network की तरह
Life में कभी भी कुछ भी न Switch Off होता ||
काश ! life Mobile की तरह होती
तो Life में अपने भी कुछ Twist होता ||
- डॉ. पंकज मिश्र

Saturday, October 27, 2012

हमने भी ज़माने के कई रंग देखे है

हमने भी ज़माने के कई रंग देखे है

कभी धूप, कभी छाव, कभी बारिशों के संग देखे है

जैसे जैसे मौसम बदला लोगों के बदलते रंग देखे है

ये उन दिनों की बात है जब हम मायूस हो जाया करते थे

और अपनी मायूसियत का गीत लोगों को सुनाया करते थे

और कभी कभार तो ज़ज्बात मैं आकर आँसू भी बहाया करते थे

और लोग अक्सर हमारे आसुओं को देखकर हमारी हँसी उड़ाया करते थे"

अचानक ज़िन्दगी ने एक नया मोड़ लियाऔर हमने अपनी परेशानियों को बताना ही छोड़ दिया"

अब तो दूसरों की जिंदगी मैं भी उम्मीद का बीज बो देते है

और खुद को कभी अगर रोना भी पड़े तो हंसते - हंसते रो देते है

Friday, October 26, 2012

अच्छा लगा


आपकी वादा खिलाफी की कसम,
हर बहाना आपका अच्छा लगा.

वो नसीहत चुप मेरी सुनता रहा 
आज मुझको एक बुरा अच्छा लगा.

कल मुझे देखा था उसने प्यार से,
आज मुझको आइना अच्छा लगा.

चम्पई रंगत गुलाबी हो गयी,
कोई गुस्से में बड़ा अच्छा लगा.

जैसे हाँथो में उतर आया हो चाँद,
वो दुआ करता हमें अच्छा लगा.

जिस अदा से उसने दीवाना कहा,
आज मुझको वो बहुत अच्छा लगा.

                                                            - डॉ.पंकज मिश्र
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