विश्वनाथ धड़कन हो जाए।
नयनों में उज्जैन बसे तो
सन्यासी ये मन हो जाए।
सोमनाथ का करें वयस्मरण
मल्लिकार्जुन तन हो जाए।
ममलेश्वर का ध्यान करें
वैद्यनाथ आंगन हो जाए।
भीमाशंकर के दर्शन हो
नागेश्वर तपवन हो जाए।
त्रियंबकेश्वर हो नयनों में
घुश्मेश्वर अंजन हो जाए।
राम मिलें जब रामेश्वर में
केदारनाथ ये मन हो जाए।I
Iiहर हर महादेव ll