Saturday, February 15, 2014

एक अनोखा सपना देखा

एक अनोखा सपना देखा
सपनो में तुम आये थे ||

बारिश , तितली और पतंगे
साथ में तुम ले आये थे ||

होली के रंगों में रंगकर
दूर से तुम मुस्काये थे ||

दीवाली का दिया जलाकर
खुशियों को फैलाये थे ||

नींद खुली तो तन्हाई थी
दूर तलक एक परछायी थी ||

आँख में बस वो सपना था
जिस सपने में तुम आये थे ||

एक अनोखा सपना देखा
सपने में तुम आये थे................

 * डॉ. पंकज मिश्रा  

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