एक अनोखा सपना देखा
सपनो में तुम आये थे ||
बारिश , तितली और पतंगे
साथ में तुम ले आये थे ||
होली के रंगों में रंगकर
दूर से तुम मुस्काये थे ||
दीवाली का दिया जलाकर
खुशियों को फैलाये थे ||
नींद खुली तो तन्हाई थी
दूर तलक एक परछायी थी ||
आँख में बस वो सपना था
जिस सपने में तुम आये थे ||
एक अनोखा सपना देखा
सपने में तुम आये थे................
* डॉ. पंकज मिश्रा
सपनो में तुम आये थे ||
बारिश , तितली और पतंगे
साथ में तुम ले आये थे ||
होली के रंगों में रंगकर
दूर से तुम मुस्काये थे ||
दीवाली का दिया जलाकर
खुशियों को फैलाये थे ||
नींद खुली तो तन्हाई थी
दूर तलक एक परछायी थी ||
आँख में बस वो सपना था
जिस सपने में तुम आये थे ||
एक अनोखा सपना देखा
सपने में तुम आये थे................
* डॉ. पंकज मिश्रा
👌🏻👍
ReplyDeleteAwesome
ReplyDelete